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प्रबल भारत पार्टी की प्रार्थना

कश्मीर से तमिलनाडु तक और गुजरात से अरुणाचल प्रदेश तक फैले हमारे विशाल देश के सभी नागरिक सुखी और संपन्न हों, ऐसी हम कामना करते हैं हमारे देश के सभी लोग आपस में एकजुट हों और हर संकट के समय हाथ में हाथ डालकर एक मजबूत दीवार बनकर खड़े हों. हममें ऊंच-नीच का भेद न हो और हम एक दूसरे का शोषण न करें. सभी धर्म के लोग आपस में इस तरह हिल-मिलकर रहें जैसे तमाम नदियों का पानी मिलकर विशाल हिन्द महासागर का निर्माण करता है. हम एक दूसरे का सम्मान करें और एक दूसरे की ख़ुशी में खुश होना सीखें. हम अपने देश को और अधिक सुन्दर और संपन्न बनाने के लिए मिलजुलकर हाथ बटाएं. हम आपसी झगड़ों और वैमनस्य से ऊपर उठकर पूरी दुनिया को शान्ति और भाईचारे का सन्देश दें. हम जाति के बंटवारे को अपने भीतर से उखाड़कर फेंक दें और मनुष्य मात्र की बराबरी के लिए काम करें. हम सब उद्यमी बनें और अपने बीच से आलस को मिटा दें. हम परमपिता की सृष्टि के अनुरूप औरतों और आदमियों की बराबरी वाला समाज बनाएं. हम झूठे दिखावों वाली ज़िंदगी जीने की बजाय सादगी से भरा जीवन जीने का संकल्प लें. हम सबसे पहले मनुष्य की तरह बर्ताव करें और फिर उसके बाद एक भारतीय के रूप में पहचाने जाएं. हमारे बीच का भाईचारा पूरी दुनिया के लिए मिसाल बने और हम जिस तरह सदियों से एक होकर रहते आये हैं उसी तरह आगे बढ़ते जाएं. हमारे बीच से कट्टरता और तंगदिली ख़त्म हो और जो लोग भटक गए हैं सही राह पर आ जाएं. हमारे ह्रदय से हिंसा का उन्मूलन हो और हम गृहयुद्धों और आतंकी घटनाओं से आहत मानवता को शान्ति और सद्भाव का रास्ता दिखाएं. आइये हम सब हर भेदभाव भूलकर मानवमात्र की सेवा का व्रत लें.”

फ़रबरी 2019 में बिहार के सीतामढ़ी में प्रबल भारत पार्टी का गठन

फ़रबरी 2019 में बिहार के सीतामढ़ी में प्रबल भारत पार्टी का गठन हुआ। सीतामढ़ी के श्री प्रशांत कुमार, श्री दिलीप कुमार मिश्रा और श्री बिंदेश्वर साह जी ने कुछ लोगों के साथ बैठकर इस विचार को मूर्त रूप देने का ख़ाका बनाया। यह बात मन में निश्चय की तरह बिठाते हुए कि, समाज के अंतिम छोड़ पर बैठे व्यक्ति के हक़ की आवाज़ बुलंद करने के लिए, आम लोगों को राजनीति से जुड़ने के लिए, और राजनीतिक दल के साथ काम करने के लिए प्रेरित करके एक नए भारत का निर्माण करने की सोच को, और विस्तार देने के लिए, पैसे की नहीं, स्वक्ष विचार और दृढ़ इक्षाशक्ति की ज़रूरत है । इसी सोच के साथ, बिना किसी बजट या संसाधन के, निश्चय हुआ कि देश को एक ऐसे राजनीतिक दल की ज़रूरत है, जो लोगों को धर्म, जात, पात, संप्रदायवाद, आदि की राजनीति से मुक्ति दिला कर, एक नयी राजनीतिक सोच के साथ, देश को आगे ले जाने का काम करें, जिसमें समाज के अंतिम छोड़ पर बैठे हुए व्यक्ति को भी, सम्मान से जीने का हक़ हो। इसी सिधांत पर चलते हुए, प्रबल भारत पार्टी के पंजीयन की प्रक्रिया शुरू की गयी और अंततः भारत के चुनाव आयोग ने पार्टी को 26 नवम्बर 2019 पंजीकृत करके के राजनीतिक दल के रूप में मान्यता प्रदान की।


फिर प्रबल भारत पार्टी के संगठन का कार्य आरंभ हुआ और सीतामढ़ी के एक छोटे से गाँव से शुरू हुए इस सफ़र ने जल्द ही पूरे बिहार सहित कई अन्य राज्यों तक अपना विस्तार कर लिया। केवल ३ महीने के भीतर ही बिहार के कोने कोने से हज़ारों लोग और देश के दूसरे राज्यों से भी सैकड़ों लोग प्रबल भारत पार्टी के साथ जुड़े और उन्होंने आजन्म देश की सेवा का व्रत लिया। आज यह संगठन अपने छोटे-से घोंसले से बाहर निकलकर अनंत आकाश में विचरण करने को तैयार है।

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सुविचार

लगातार पूछे जाने वाले प्रश्न

227 / 5,000 Translation results चौबीस डीआरएससी का गठन किया गया है, जिनमें से प्रत्येक में अधिक नहीं हैं इकतीस सदस्यों की तुलना में। इनमें से इक्कीस सदस्य मनोनीत होते हैं लोकसभा अध्यक्ष द्वारा और दस सदस्यों को सभापति द्वारा नामित किया जाता है, राज्यसभा।
आचार समिति के नैतिक और नैतिक आचरण की देखरेख करती है सदस्य; सदस्यों के लिए आचार संहिता तैयार करता है और सुझाव देता है समय-समय पर संहिता में संशोधन या परिवर्धन के रूप में परिषद को रिपोर्ट; के कथित उल्लंघन से संबंधित मामलों की जांच करता है सदस्यों द्वारा आचार संहिता के साथ-साथ किसी के आरोपों से संबंधित मामले सदस्यों के अन्य नैतिक कदाचार; और सदस्यों को सलाह देता है समय-समय पर नैतिक मानकों से जुड़े प्रश्नों पर या तो स्वत: प्रेरणा से या आगे विशिष्ट अनुरोध प्राप्त करना।
No worries. We will contact you सभा अपने संकल्पों द्वारा अपने मत और उद्देश्यों की घोषणा करती है। हर एक प्रश्न, जब सदन द्वारा सहमति व्यक्त की जाती है, तो दोनों में से किसी एक का रूप धारण कर लेता है संकल्प या आदेश। संकल्पों को इस प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है: निजी सदस्य' संकल्प (जो किसी सदस्य द्वारा पेश किए जाते हैं मंत्री द्वारा नहीं); सरकार
जब सदस्यों में से कोई एक विशेषाधिकार व्यक्तिगत रूप से या सदन अपनी सामूहिक क्षमता में किसी भी व्यक्ति द्वारा अवहेलना या हमला किया जाता है या अधिकार, अपराध को विशेषाधिकार का उल्लंघन कहा जाता है। कोई रुकावट या सदनों या उसके सदस्यों के सम्यक निर्वहन में बाधा कर्तव्यों, या जो इस तरह के परिणाम देने की प्रवृत्ति रखते हैं, की राशि हो सकती है सदन की अवमानना।